Tuesday, October 22, 2024

What is the Secondary Market? (In Hindi)

द्वितीयक बाजार क्या है? What is the Secondary Market?

द्वितीयक बाजार वह स्थान है जहां निवेशक पहले से जारी प्रतिभूतियों, जैसे स्टॉक और बांड, का आपस में व्यापार करते हैं। यहां कीमतें मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती हैं, जो निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो का विस्तार और लाभ कमाने का अवसर देती हैं।

द्वितीयक बाजार, जिसे आफ्टरमार्केट (After Market) के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसे बाजार को संदर्भित करता है जहां निवेशक पहले से जारी प्रतिभूतियों, जैसे स्टॉक, बांड, विकल्प और वायदा अनुबंध को खरीद या बेच सकते हैं।

प्राइमरी मार्केट (Primary market) में कंपनी द्वार इश्यू सिक्योरिटीज को नेवेशक सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड कर सकते हैं। प्राथमिक बाजार में कंपनी सीधे अपने शेयर निवेशकों को बेचती है, जबकि द्वितीयक बाजार में शेयरधारक आपस में पहले से जारी किए गए शेयरों का व्यापार करते हैं। यहां शेयर की कीमत बाजार की मांग और आपूर्ति (demand and supply) पर निर्भर करती है, जबकी प्राथमिक बाजार में यह कीमत कंपनी तय करती है।

प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट में एक अंतर यह भी है, कि प्राइमरी मार्केट में निवेशक द्वारा दी गई कंपनी की कीमत सीधे कंपनी को मिलती है, जबकी सेकेंडरी मार्केट में निवेशकों के बीच आपस में लेन देन होता है।

द्वितीयक बाजार में निवेशक अपने पोर्टफोलियो में और शेयरों को जोड़कर विस्तार भी कर सकता है, मौजुदा पोर्टफोलियो में समायोजन भी कर सकता है और बाजार जोखिम को कम करने के लिए हेजिंग भी कर सकता है।

द्वितीयक बाजार दो प्रकार के होते हैं।

  • स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange): यह एक संगठित बाजार है जो नियमों और विनियमों को ध्यान में रखकर चलता है। ये नियम निवेशकों और कंपनियों दोनों के हितों को ध्यान में रख कर बनाते हैं। उदाहरण के लिए- भारत में एनएसई (National Stock Exchange - NSE) और बीएसई (Bombay Stock Exchange-BSE) दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं, जो सेबी (Securities and Exchange Board of India-SEBI) की गाइडलाइंस के तहत चलते हैं।
  • ओवर-द-काउंटर (OTC) मार्केट: यहाँ शेयरों और बॉन्ड्स की ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज के बाहर होती है। OTC बाजार कम संगठित होते हैं और आमतौर पर छोटे कंपनियों के शेयर या निजी रूप से जारी किए गए वित्तीय साधनों की ट्रेडिंग यहाँ होती है।

द्वितीयक बाजार शेयर/बॉन्ड की खरीद फरोख्त के लिए तरलता प्रदान करता है। अत: निवेशक और व्यापारी आसानी से शेयर खरीद और बेच सकते हैं। ये शेयर खरीदना और बेचना कीमत निर्धारित करता है। कीमत में उतार चढाव निवेशकों को नए लाभ का अवसर प्रदान करते हैं, वो इन्हें काम भाव में खरीद कर ऊंचे कीमत में बेच सकते हैं।द्वितीयक बाजार में तेजी, अर्थव्यवस्था की मज़बूती दर्शति बनती है।


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