Saturday, October 26, 2024

Types of Financial Securities (In Hindi)

वित्तीय प्रतिभूतियों के प्रकार


वित्तीय बाज़ार में निवेश के कई साधन होते हैं, जैसे इक्विटी (शेयर), बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs), और डेरिवेटिव्स। शेयरों में निवेश से कंपनी के मुनाफे में भागीदारी मिलती है, जबकि बॉन्ड्स में निवेशक को ब्याज मिलता है। म्यूचुअल फंड्स में विशेषज्ञ प्रबंधन करते हैं, और ETFs को शेयरों की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है। डेरिवेटिव्स जोखिम प्रबंधन और सट्टेबाजी के लिए उपयोगी होते हैं। प्रत्येक में जोखिम और रिटर्न का स्तर अलग होता है, जिससे निवेशक अपने लक्ष्यों के अनुसार चुन सकते हैं।

प्रतिभूतियाँ व्यापार योग्य वित्तीय साधन हैं। जिनमें शेयर, बॉन्ड, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड्स, और डेरिवेटिव्स वगैरह शामिल हैं। जो निवेशकों को पैसा निवेश अवसर प्रदान करते हैं। इनमें से प्रत्येक के साथ अलग-अलग प्रकार का रिस्क और रिटर्न जुदा होता है।

स्टॉक्स (Stocks):

इन्हें सामान्य बोल चाल की भाषा में इक्विटी या शेयर भी कहा जाता है, प्रमुख रूप से ये दो प्रकार के होते हैं। सामान्य/आम शेयर (Common Stocks) और प्राथमिकता शेयर (Preferred Stocks)।

  • सामान्य/आम शेयर (Common Stocks) : आम शेयरधारक कंपनी के सामान्य शेयरधारक होते हैं। इन्हें कंपनी के प्रॉफिट में हिस्सा मिलता है। ये कंपनी के डायरेक्टर्स के चुनाव में वोटिंग का भी अधिकार रखते हैं। लेकिन अगर कंपनी दिवालिया (Bank corrupt) हो जाती है तो इन्हें कर्जदाताओं और प्राथमिकता शेयरधारकों के बाद भुगतान मिलता है।
  • प्राथमिकता शेयर (Preferred Stocks): प्राथमिकता शेयर धारको को सामान्य शेयर धारको की तुलना में सबसे पहले लाभांश मिलता है। इन्हें वोटिंग का अधिकार सामान्‍यता: नहीं होता है। कंपनी बंद हो जाने की स्थिति में इनका भुगतान पहले किया जाता है। Preferred शेयर में आम शेयर की तुलना में जोखिम कम होता है, लेकिन रिटर्न भी अपेक्षाकृत रूप से कम होता है।

बॉन्ड्स (Bonds):

बॉन्ड एक ऋण साधन है, जिसमें निवेशक सरकार या कंपनी को पैसा उधार देता है और इसके बदले में नियमित ब्याज प्राप्त करता है। अवधि पूरी होने पर निवेशक को उसकी मूल राशि मिल जाती है। सरकारी बांड कम जोखिम के साथ सुरक्षित माने जाते हैं, जबकि निगमित (corporate) बांड में अधिक ब्याज के साथ जोखिम भी बढ़ जाता है। बॉन्ड की ब्याज दरें,अवधि और जोखिम अलग-अलग होते हैं, जिससे निवेशको के लिए उनके उद्देश्यों और जोखिम क्षमता के अनुसार चुनाव करना संभव होता है।

म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds):

म्यूच्यूअल फंड्स में निवेशकों से पैसा एकत्रित करके एक प्रोफेशनल फंड मैनेजमेंट कंपनी द्वारा शेयर, बॉन्ड और अन्य प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। इनके साथ जुड़े जोखिम कारकों के आधार पर इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड, डेट फंड आधारित, एवम हाइब्रिड म्यूचुअल फंड आदि श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।

एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs):

ये म्यूचुअल फंड की तरह हो रहे हैं, लेकिन इन्हें बाज़ार से शेयरों की तरह ही खरीदा या बेचा जा सकता है। ईटीएफ(ETF) किसी विशेष सूचकांक (Index), सेक्टर, कमोडिटी या अन्य परिसंपत्तियों के समग्र प्रदर्शन का अनुसरण करते हैं।

डेरिवेटिव्स (Derivatives):

इनका मुख्य प्रयोग बाजार के जोखिम को कम करने के लिए हेजिंग या सट्टेबाजी करने में किया जाता है। इनका प्राइस किसी अन्य स्टॉक, बॉन्ड, कमोडिटी के आधार पर निर्भर होता है और उसी पर चलता है । डेरिवेटिव के साथ ऊंचा जोखिम और ऊंचा रिटर्न जुड़ा होता है।






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